यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया के इंजीनियर प्रोफेसर के दिमाग म बात अइस। सोचीस, सहर-गांव सबो जगा मोबाइल के अड़बड़ चलन होगे हे, गांव मन म रोग के जांच कर इलाज करइया (क्लिनिक लैब्स) साधन घलो नइये। अइसे म, एक ठी पोर्टेबल माइक्रोस्कोप बनाके वोला मोबाइल ले जोड़ दे जाय। इंजीनियर प्रोफेसर मन अइसे सोचे बात ल कर घलो डरीन अउ सेल स्कोप बना घलो डरे हे। ये उपकरण (मसीन) (मोबाइल) हा मलेरिया अउ टीबी (क्षय रोग) फैलइया कीरा (जीवाणु) के कोटोला उतारही अउ नेटवर्क ले दुनिया भर म कहूं भेज सकत हे। ये उपकरण हा कोनो फ्लूरोसेंस माइक्रोस्कोप के मुकाबला म सस्ता घलो परही अउ जनइया डॉक्टर हा ये मोबाइल ले मिल बांट के रोग के पहिचान करही अउ मरीज तक वोकर करा घर बइठे मोबाइल म भेज दीही।
खांसी आवत हे, तउन हा अइसने, साधारण जुकाम (सरदी) आय, फ्लू आय, कोनो अउ सांस वोला बीमारी हरे त दूसर बड़का रोग के तइयारी हरे। खांसी आथे त वोकर स्वर (हानि) ला चिन्हनना अउ रोग के पता लगाना अउ सांस के रोग ला ठीक करना। अइसना करे बर सॉफ्टवेयर म हजारों परकार (किस्म) के खांसी के ध्वनि (आवाज) ला रिकार्ड करे जात हे। खांसी के रोगी हा अपन खांसी के स्वर ला अपन मोबाइल म खांस के डॉक्टर ल सुनाही। ये सॉफ्टवेयर हा मरीज के खांसी ध्वनि ला सुन के मेल करके बता दिही वोला का किसम के समस्या हे। समाचार येहू हे कि मोबाइल म होही स्टेथोस्कोप अउ थर्मामीटर। मोबाइल फोन ला मेडिकल डायग्नोसिस टूल जांच करने वाला मसीन बनाय के काम म वैज्ञानिक मन लगे हे। अइसना हो जही त डॉक्टर मन के गला म ओराय स्टेथोस्कोप के छुट्टी हो जही। मोबाइल फोन ले हार्ट रेट, ब्लड प्रेसर, सरीर देह के ठंडा गरम (तापमान) अउ अइसने कतको सारीरिक (देह मा) नरम-गरम ला नापे के उपाय म वैज्ञानिक मन आगु बढ़े गे हे। अइसे वेब एमडी डॉट कॉम बेबसाइट के सहारा ले के लाखों मइनखे म रोग के जानकारी अउ डॉक्टर मन के सलाह ले के काम करत हे। कम्प्यूटर कमती मइनखे मन करा हे फेर मोबाइल वाला मन के गिनती हा तो बने अड़बड़ेच होगे हे।
बसंत कश्यप
डंगनिया (पाटन)
दुर्ग
नवा जानकारी मिलिस.
bada ho accha laga me chahhona ki aap apni comments mer blogs pe bhi de : http://guruz8tech.blogspot.com thank you 😉